आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व एमसीडी पार्षद ताहिर हुसैन पर आज अदालत ने आरोप तय कर दिया है। ताहिर हुसैन पर साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में फंडिंग करने का आरोप लगा है, आरोप है कि ये पैसा मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लाया गया था।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ताहिर पर आरोप तय
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एमसीडी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ आज 11 जनवरी 2023 को आरोप तय कर दिया है। दरअसल, ताहिर हुसैन पर कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग के धन का उपयोग करके दिल्ली दंगों में फंडिंग का आरोप लगाया गया है। पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने सभी आरोपों से इनकार किया है। ताहिर हुसैन पर इससे पहले दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में 3 अलग-अलग मामलों में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) समेत विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। ध्यान रहे कि दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
ताहिर हुसैन पर ये आरोप भी लगे
गौरतलब है कि 14 अक्टूबर 2021 को ताहिर हुसैन और 6 अन्य लोगों पर हिंसा से संबंधित एक मामले में दंगा और हत्या का आरोप लगाया गया था। इससे पहले उन पर आपराधिक साजिश, दंगा, नुकसान पहुंचाने, संपत्ति को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था।
दंगों में हुई थी 53 लोगों की मौत
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच की जा रही है, जोकि दिल्ली पुलिस की ओर से ताहिर हुसैन के खिलाफ दर्ज की गई पहली एफआईआर में से एक पर आधारित है। गौरतलब है 23 फरवरी 2022 की पूर्व संध्या पर पूर्वोत्तर दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और सीएए समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच दंगे भड़क उठे थे। दिल्ली हिंसा ने सांप्रदायिक रूप ले लिया और अगले 10 दिनों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 200 से अधिक घायल हो गए थे, दुकानों और घरों को जला दिया गया और यहां तक कि धार्मिक स्थलों पर भी हमला किया गया था।