
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए 25 मार्च से 3 मई के बीच देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देश की जनता के बीच बढ़ गई है। यूएस बेस्ड सर्वे एंड रिसर्च फर्म के सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रूवल रेटिंग बढ़ कर 83 प्रतिशत हो गई है।
मोदी की अप्रूवल रेटिंग बढ़ कर 83 प्रतिशत हुई- यूएस बेस्ड सर्वे एंड रिसर्च फर्म
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए 25 मार्च से 3 मई के बीच देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता देश की जनता के बीच बढ़ गई है। यूएस बेस्ड सर्वे एंड रिसर्च फर्म के सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 7 जनवरी, 2020 को लोकप्रियता 76 प्रतिशत था, जो 21 अप्रैल, 2020 को अप्रूवल रेटिंग बढ़ कर 83 प्रतिशत हो गई है। इसके पहले भी सी-वोटर कोविड-19 ट्रैकर द्वारा कराए गए सर्वे में बताया गया था कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर 25 मार्च, 2020 को जहां 76.8 प्रतिशत लोगों का भरोसा था, वह 21 अप्रैल, 2020 को बढ़ कर 93.5 प्रतिशत हो गया है।
मार्च की शुरुआत में मोदी पर लगा था अर्थव्यवस्था को धीमी करने का आरोप
ध्यान रहे कि मार्च, 2020 की शुरुआत में जिस समय देश में कोरोना वायरस के मरीजों का मिलना शुरू हुआ था, उस समय प्रधानमंत्री मोदी पर देश की अर्थव्यवस्था को धीमी करने का आरोप लगाए हुए विपक्ष हमलावर बना हुआ था। इसके अलावा सीएए तथा एनआरसी को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में इसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन हुआ था, उसी दौरान दिल्ली में सांप्रदायिक दंगा भी हुआ था, लेकिन उसके बाद एकाएक वक्त बदल गया है तथा अब ऐसा लग रहा है कि अब वह सारे मुद्दे भुला दिए गए हैं तथा प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को कोरोना से लड़ाई के मसले पर सबके सामने और आगे आ गए हैं।
कोरोना संकट के समय मोदी विश्व नेता के तौर पर उभरे !
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका समेत दूसरे देशों को हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवाई की सप्लाई कर विश्व नेता के तौर पर उभरे हैं। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते सड़कों पर हो रहा मोदी सरकार के विरूद्ध प्रदर्शन खत्म हो चुका है, वहीं अब सभी विपक्षी पार्टियां भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर फोकस बनाए हुए है। परंतु देश के सबसे लोकप्रिय नेता के लिए लड़ाई अभी बाकी है, क्योंकि कोरोना महामारी के इस मुश्किल वक्त में एक तरफ जहां लाखों लोगों की नौकरी पर संकट आ गया है, वहीं छोटे तथा बड़े बिजनेस पूरी तरह ठप पड़ चुके हैं।
बिगड़ी अर्थव्यवस्था का जिम्मेदार कोरोना को जिम्मेदार ठहराएंगे मोदी- मिलन वैष्णव
साउथ एशिया प्रोग्राम के डायरेक्टर मिलन वैष्णव का मानना है कि सबसे बड़े मेगाफोन के साथ, सबसे ज्यादा राजनीतिक पार्टियों तथा सरकारी मशीनरी के पूर्ण सहयोग वाले नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से इस मुश्किल कोरोना महामारी के समय में अपनी खुद की पोजिशन को कॉन्सोलिडेट करेंगे, तथा इसके साथ ही वे भारत की बिगड़ी अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहराएंगे।
कोरोना संकट के वक्त मोदी जनता के संपर्क में
देशव्यापी लॉकडाउन की शुरुआत यानि 25 मार्च 20 अप्रैल तक लॉकडाउन का पूरी कड़ाई के साथ पालन किया गया, जबकि 20 अप्रैल के बाद देश में जरुर किसान समेत कुछ लोगों को थोड़ी राहत मिली है, इस समय प्रधानमंत्री मोदी लगातार देश की जनता के संपर्क में रह रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी कई बार वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए देश की जनता के सामने आ चुके हैं तथा उनसे अपील भी कर चुके हैं कि कोरोना महामारी के खिलाफ से लड़ाई में उन्हें सबके साथ की जरुरत है।
भारत में कोरोना पॉजिटिव केस 33,600 के पार, मरने वालों की संख्या 1094 पहुंची
गौरतलब है कि अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की संख्या करीब 33,600 से ज्यादा हो चुकी है, कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 8619 हो गई है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 1094 हो चुकी है। अब तक पूरे विश्व में कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 32 लाख 44 हजार को पार कर चुकी है तथा इससे मरने वालों की संख्या 2 लाख, 29 हजार को पार कर चुकी है। विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या अमेरिका में करीब 10 लाख, 65 हजार पहुंच चुकी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या यहां करीब 61,600 हो चुकी है।