कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली के 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली कर दिया, उनका सामान मां सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास में शिफ्ट किया गया है। करीब 19 साल से यह बंगला उनका आधिकारिक आवास था, लेकिन उनकी सांसदी जाने के बाद उन्हें यह बंगला खाली करने का आदेश दिया गया था।
राहुल गांधी को 2 साल की सजा मिली थी
दरअसल, 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई, जबकि 27 मार्च को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया। नोटिस मिलने के बाद राहुल ने कहा था कि सरकारी बंगले से उनकी कई अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तब उन्हें अपने या सोनिया गांधी के बंगले में शिफ्ट होने का सुझाव दिया था।
राहुल को 4 बार लोकसभा सांसद चुना गया
राहुल गांधी को 27 मार्च को लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजा था। बंगला खाली करने के लिए 24 अप्रैल तक का समय दिया गया था। नोटिस मिलने के अगले दिन राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. मोहित रंजन को लिखित जवाब भेजा। राहुल ने अपने जवाब में लिखा कि मैं 4 बार लोकसभा सांसद चुना गया, यह लोगों का जनादेश है, जिसके लिए मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं। मेरी इस घर से कई अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं। मैं नोटिस में दिए गए आदेश का पालन करूंगा। गौरतलब है कि 2004 में अमेठी से पहली बार सांसद चुने जाने पर राहुल को यह बंगला 2005 में अलॉट किया गया था।
सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है- राहुल
ध्यान रहे कि सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को 2 साल कैद की सजा सुनाई, हालांकि 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था ति सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया था।