हिंदी साहित्य के लिए हमारे देश में आज की शाम काफी दुखद समाचार लेकर आया है। देश के प्रख्यात साहित्यकार पद्म भूषण डॉ. नरेंद्र कोहली अब इस दुनिया में नहीं रहे, पिछले कुछ दिनों से वे काफी बीमार थे।
डॉ. नरेंद्र कोहली का कोरोना से निधन
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली का आज 17 अप्रैल के शाम 6 बजकर 40 मिनट पर निधन हो गया। डॉ. नरेंद्र कोहली को कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित होने के कारण दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. नरेंद्र कोहली ने पौराणिक कहानी के आधार पर अभ्युदय, युद्ध, वासुदेव, अहल्या, जैसी प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं। पद्म भूषण डॉ. नरेंद्र कोहली हिंदी जगत में सबसे अधिक रॉयल्टी पाने वाले लेखक थे।
कोहली के निधन पर देशभर में शोक की लहर
डॉ. नरेंद्र कोहली के निधन की खबर आने के बाद देशभर में साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर फैल गई है। नरेंद्र कोहली का जन्म 6 जनवरी, 1940 को सयालकोट (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। नरेंद्र कोहली ने एक कार्यक्रम में खुद कहा था कि मुझे इंजीनियर, डॉक्टर, वास्तुकार, बड़ा अधिकारी आदि नहीं बनना था, क्योंकि मैं तो बना बनाया लेखक था, लेखक बनता नहीं पैदा होता है। उन्होंने यह भी कहा था मैं सचिन तेंदुलकर नहीं बन सकता हूं, मुझे इसका अफसोस नहीं है, क्योंकि मैं जानता हूं कि सचिन तेंदुलकर भी नरेंद्र कोहली नहीं बन सकता।