
देश में वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना के इलाज में उपयोग किए जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर की कमी की भी बात सामने आई है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर की कमी की बात को मानी है।
हर्षवर्धन ने मानी रेमडेसिविर की कमी की बात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज 14 अप्रैल को देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की बात को मानते हुए कहा है कि देश में रेमडेसिविर की कमी इसलिए हुई है, क्योंकि इसका उत्पादन कम हो गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे थे इसलिए रेमडेसिविर के उत्पादन कम हो गए। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे ड्रग कंट्रोलर और स्वास्थ्य मंत्रालय ने कंपनियों के साथ बैठक कर रेमडेसिविर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कहा है।
रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर होगी कड़ी कार्रवाई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) ने देश में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जो लोगों का शोषण कर रहे हैं और दवा की कमी पैदा कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। फिलहाल रेमडेसिविर की भारत में हर महीने कुल 38.80 लाख वायल तैयार किए जाते हैं, भारत सरकार ने इसे बढ़ाकर 78 लाख वायल तक करने की अनुमति दे दी है, यह जानकारी आज भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में दी गई है।
कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं- हर्षवर्धन
कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है और भारत सरकार हर राज्य को वैक्सीन देती है, यह राज्यों का काम है कि वे वैक्सीनेशन सेंटर पर समयबद्ध तरीके से वैक्सीन की खुराक प्रदान करें। ध्यान रहे कि महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने दावा किया था कि उनके यहां कोरोना वैक्सीन की कमी हो गई है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि हमारे यहां वैक्सीन की कमी से कई वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो गए हो गए हैं।
रेमडेसिविर का इस्तेमाल सिर्फ हॉस्पिटल में हो- केंद्र
केंद्र सरकार ने डॉक्टरों को सोच-समझकर रेमडेसिविर के इस्तेमाल की सलाह दी है, सरकार ने यह भी कहा है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ हॉस्पिटल में किया जाना चाहिए, लोगों को घर पर इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि रेमडेसिविर का इस्तेमाल सिर्फ उन रोगियों में होना चाहिए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है और जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट चाहिए, ये जरूरी शर्तें हैं, घर में हल्के संक्रमण वाले मामले में इसके इस्तेमाल का कोई औचित्य नहीं है, इसे दवा की दुकान से भी नहीं खरीदा जाना चाहिए। ध्यान रहे कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद रेमडेसिविर की मांग काफी बढ़ गई है।