
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य देवांगना कलीता को आज जमानत दे दी है। देवांगना कलीता पर दिल्ली पुलिस ने जफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लोगों को सीएए के विरोध में दंगे के लिए भड़काने का आरोप लगाया था।
हाई कोर्ट ने दी देवांगना कलीता को जमानत
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य देवांगना कलीता को आज जमानत दे दी है। देवांगना कलीता पर दिल्ली पुलिस ने जफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लोगों को सीएए के विरोध में दंगे के लिए भड़काने का आरोप लगाया था। अदालत ने कहा कि देवांगना कलीता के जिस भाषण की बात हो रही है, उसमें कुछ भी भड़काऊ नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने देवांगना कलीता को 25,000 रुपए के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है, इसके साथ ही अदालत ने देवांगना को देश छोड़कर जाने से भी मना किया है। हालांकि, देवांगना कलीता पर स्पेशल सेल का भी एक केस है, जिसके चलते उनकी रिहाई अभी नहीं हो सकी है।
पुलिस नहीं पेश कर पाई कलीता के खिलाफ वीडियो
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों मामले में पुलिस से कहा कि वह कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य देवांगना कलीता का लोगों को भड़काते हुए वीडियो पेश करे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि दंगे के दौरान लोगों को भड़काने का वीडियो नहीं है, लेकिन 24 और 25 फरवरी को हुए दंगे से पहले के ऐसे वीडियो हैं, जिनमें वह भड़काऊ भाषण दे रही हैं।
कलीता ने सीएए के विरोध में भड़काया- पुलिस
पुलिस ने कहा था कि उसके पास 22 तथा 23 फरवरी के भी वीडियो हैं, जब नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि देवांगना कलीता ने लोगों को सीएए के विरोध में भड़काया था। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मुझे उस भाषण का कोई अंश दिखाइए जिसे मीडिया या किसी अन्य ने रिकॉर्ड किया हो, जिसमें देवांगना कलीता भीड़ को अपराध करने के लिए उकसा रही हों। अदालत ने कहा कि उस दौरान हर तरफ मीडिया की मौजूदगी थी और वे रिकार्डिंग कर रहे थे, अदालत जानना चाहती है कि देवांगना कलीता ने क्या कहा जिससे भीड़ भड़की।
घटना के वक्त कोई मीडिया नहीं था- एस वी राजू
इससेस पहले दिल्ली पुलिस की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि 25 फरवरी को घटना के वक्त कोई मीडिया नहीं था और गवाहों के बयान भीड़ को उकसाने में देवांगना कलीता की भूमिका को दर्शाते हैं। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने देवांगना कलीता की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित लिया था, जिस पर आज फैसला आया है।