
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के एक पुलिसकर्मी पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले आरोपी शाहरुख पठान के खिलाफ अदालत ने आज दंगा करने और हत्या का प्रयास का आरोप तय कर दिया है।
शाहरुख पर ‘हत्या के प्रयास’ का आरोप तय
आज 8 दिसंबर को दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों के दौरान पुलिसकर्मी पर कथित तौर पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान का अनुरोध अस्वीकार करते हुए उसके खिलाफ हिंसा करने और हत्या के प्रयास के आरोप तय किए हैं। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानने की शाहरुख पठान की तस्वीर पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा के दौरान सोशल मीडिया पर नजर आई थी, जिसके बाद उसे 3 मार्च 2020 को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है।
शाहरुख ने दंगाइयों के एक समूह का नेतृत्व किया
आरोपों को तय करने के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि यह बेहद स्पष्ट है कि शाहरुख पठान ने दंगाइयों के एक समूह का नेतृत्व किया और 24 फरवरी 2020 को दीपक दहिया के जीवन को खतरे में डाला और एक सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाई और आपराधिक शक्ति का इस्तेमाल किया। न्यायाधीश ने शाहरुख पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147 ( दंगा करने के लिए सजा), 148 (दंगे में घातक हथियार के साथ होना), 186 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत आरोप तय किए
हत्या करने का कोई इरादा नहीं था- शाहरुख
वहीं, आईपीसी की धारा 353 (हमला), 307 (हत्या के प्रयास) के साथ पठित धारा 149 (सामान्य अपराध के लिए गैर कानूनी जमावड़े का हिस्सा) समेत शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए। इस पर शाहरुख ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया और कहा कि वह मुकदमे का सामना करेगा। शाहरुख पठान ने इस आधार पर धारा 307 और 188 वापस लेने का आग्रह किया कि उसका पुलिसकर्मी की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था और उसे सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बारे में जानकारी नहीं थी।
दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी
राहत देने से इनकार करते हुए एएसजे रावत ने कहा कि ‘हत्या का इरादा’ दीपक दहिया के बयान से स्पष्ट है कि शाहरुख ने उनके सिर पर बंदूक तान दी और गोली चलाई, लेकिन वह बचने में सफल रहे। न्यायाधीश ने आगे कहा कि आरोपी के वकील की यह दलील कि शाहरुख ने पुलिसकर्मी को मारने की कोशिश नहीं कि बल्कि हवा में गोली चलाकर डराने की कोशिश की, यह दीपक दहिया के बयान और वीडियो फुटेज के मद्देनजर धारा हटाने का आधार नहीं हो सकता है। न्यायाधीश ने इस मामले में शाहरुख के अलावा 4 और आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। ध्यान रहे कि दिल्ली में फरवरी 2020 में हिंसा के दौरान कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से ज्यादा घायल हुए थे।