एसबीआई के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.1 फीसदी रहेगी

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई, 2020 तक कर दिए जाने के बीच आज भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है। चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी लुढक कर 1.1 फीसदी रहेगी।

वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी लुढक कर 1.1 फीसदी रहेगी  

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई, 2020 तक कर दिए जाने के बीच आज भारत की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर आई है। एसबीआई यानि भारतीय स्टैट बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर लुढक कर 1.1 फीसदी रहने का अनुमान है। एसबीआई के रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत आर्थिक वृद्धि दर घट क 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि कई एजेंसियों ने कोरोना महामारी से पहले इसके 5 फीसदी रहने की संभावना जताई थी।

भारतीय अर्थव्यवस्था को 12.1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

एसबीआई के रिपोर्ट में कहा गया है कि अब देशव्यापी लॉकडाइन की अवधि 3 मई, 2020 तक के लिए बढ़ा दी गयी है, इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था को 12.1 लाख करोड़ रुपए या बाजार मूल्य पर ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में 6 फीसदी का नुकसान होगा, इसमें पूरे वर्ष के लिए जीवीए वृद्धि दर करीब 4.2 प्रतिशत माना गया है, जबकि बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 2020-21 में 4.2 के करीब रह सकती है। ध्यान रहे कि इस बात का प्रबल उम्मीद है कि कर संग्रह के मुकाबले सब्सिडी आगे निकल जाए, हालांकि अगर बाजार मूल्य आधारित जीडीपी वृद्धि दर 4.2 फीसदी माना जाए, तो वास्तविक जीडीपी करीब 1.1 फीसदी रहेगी।

स्व-रोजगार, नियमित तथा ठेके पर 37.3 करोड़ कामगार

एसबीआई के रिपोर्ट में कहा गया है कि देशव्यापी लॉकडाइन का विभिन्न वृहत आर्थिक मानकों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्व-रोजगार, नियमित और ठेके पर करीब 37.3 करोड़ कामगार लगे हैं, इसमें स्व-रोजगार वालों की हिस्सेदारी 52 फीसदी, ठेका कर्मियों की हिस्सेदारी 25 फीसदी तथा शेष नियमित मेहनताना पाने वाले लोग हैं। एसबीआई के रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन 37.3 करोड़ कामगारों को बंद के कारण प्रत्येक दिन करीब 10 हजार करोड़ रुपए की आय के नुकसान का अनुमान है, अगर पूरी लॉकडाइन के दौरान देखें तो यह कुल 4.05 लाख करोड़ रुपए की आय का नुकसान है।

भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 13 हजार के पार, मरने वालों की संख्या 432 पहुंची

गौरतलब है कि अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 13 हजार को पार कर चुकी है, कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 1734 हो गई है, जबकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 432 हो चुकी है। अब तक पूरे विश्व में कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 21 लाख, 14 हजार पहुंच चुकी है तथा इससे मरने वालों की संख्या करीब 1 लाख, 41 हजार पहुंच चुकी है। विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या अमेरिका में करीब 6 लाख 46 हजार पहुंच चुकी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या यहां करीब 28,600 हो चुकी है।

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