बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी पर सवाल उठाया है। जीतन राम मांझी का आरोप है कि बड़े लोगों को कोई नहीं पकड़ता है, जबकि गरीबों के घर में रात के 12 बजे भी पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज देती है, शराब पीने की वजह से 70 फीसदी गरीब लोग जेल में हैं।
मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी पर उठाए सवाल
बिहार में एनडीए की सहयोगी पार्टी हम के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने एक बार फिर नीतीश कुमार की शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े किए हैं। जीतन राम मांझी आज 18 दिसंबर को मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराब नीति का खामियाजा सबसे ज्यादा दलित समाज को झेलना पड़ रहा है, लोग शराब पीकर जेल जा रहे हैं, जबकि 60 फीसदी बड़े लोग रात में शराब पीते हैं।
शराब पीने की वजह से 70 फीसदी गरीब जेल में- मांझी
जीतन राम मांझी का आरोप है कि बड़े लोगों को कोई नहीं पकड़ता है, जबकि गरीबों के घर में रात के 12 बजे भी पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज देती है, शराब पीने की वजह से 70 फीसदी गरीब लोग जेल में हैं, बड़े लोगों के शराब पीने पर कोई पूछने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि रात 10 बजे बाद दवा के रूप में थोड़ी-थोड़ी पीनी चाहिए। जीतन राम मांझी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात मॉडल की चर्चा करते की और कहा कि शराब पीना सार्वजनिक स्थलों पर बैन रहना चाहिए।
बिहार में शराबबंदी पर मुखर रहते हैं मांझी
दरअसल, जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए विकास कार्यो से सहमत हैं, लेकिन शराबबंदी पर लगातार नीतीश कुमार को संशोधन करने के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। जीतन राम मांझी का कहना है कि जेल में कैदियों को रखने की जगह नहीं है, अब उनको कैंप जेल बनाना पड़ेगा। जीतन राम मांझी ने सुझाव दिया कि शराबबंदी के तहत जेल भेजे गए गरीबों को सरकार को रिहा कर देना चाहिए, क्योंकि 70 फीसदी गरीब जेल में बंद हैं। गौरतलब है कि जीतन राम मांझी लगातार बिहार में शराबबंदी पर मुखर रहते हैं।