कोरोना का दिल्ली मॉडल हिट, क्या देश को अपनाना चाहिए यह मॉडल…जानिए !

देश में जहां वैश्विक महामारी कोरोना के मामले रिकॉर्ड तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में अब यह काफी कमजोर पड़ गया है। प्रतिदिन नए मामलों की संख्या भी करीब चार हजार से घटकर एक हजार के करीब आ चुकी है, तो कोरोना से होने वाली मौतें भी करीब 100 से घटकर 15-20 के आसपास रह गई हैं।

दिल्ली में कोरोनो अब काफी कमजोर

देश में जहां वैश्विक महामारी कोरोना के मामले रिकॉर्ड तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में अब यह काफी कमजोर पड़ गया है। प्रतिदिन नए मामलों की संख्या भी करीब चार हजार से घटकर एक हजार के करीब आ चुकी है, तो कोरोना से होने वाली मौतें भी करीब 100 से घटकर 15-20 के आसपास रह गई हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी का यह बयान कि सभी राज्यों को दिल्ली मॉडल अपनाना चाहिए, इसी परिदृश्य में देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य अपने स्तर पर दिल्ली मॉडल की तरह प्रयास शुरू भी कर चुके हैं।

दिल्ली ने कोरोना से लड़ाई का मॉडल विकसित किया

दिल्ली देश के उन गिने-चुने क्षेत्रों में शामिल थी, जहां कोरोना ने सबसे पहले अपना विनाशकारी रूप दिखाया। विदेश से आ रहे यात्रियों की वजह से दिल्ली में कोरोना का फैलाव शुरू हुआ, तो इसने तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाया, लेकिन दिल्ली सरकार ने कोरोना से लड़ाई का एक मॉडल विकसित किया, इसके तहत किसी भी क्षेत्र में 3 कोरोना संक्रमित सामने आने पर उस क्षेत्र को बाकी क्षेत्र से अलग-थलग या कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया, इससे उस क्षेत्र के लोगों का दूसरे क्षेत्र के लोगों से मिलना-जुलना कम हुआ और इस तरह कोरोना का फैलाव कम किया जा सका। कंटेनमेंट जोन के सभी घरों के सभी कोरोना संभावित लोगों की टेस्टिंग कर उनकी जान बचाना इसी मॉडल के तहत संभव हो पाया है।

दिल्ली में 2 अगस्त तक 10,63,669 टेस्ट हो चुके

दिल्ली रोजाना टेस्ट की क्षमता में बढ़ोतरी की गई, एक समय 6-7 सौ तक होने वाले टेस्ट को बढ़ाकर 20 हजार से भी ज्यादा कर दिया गया। आरटी-पीसीआर टेस्ट्स की क्षमता बढ़ाई गई, एंटीजन टेस्ट की अनुमति मिलने से रोजाना होने वाले टेस्ट की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई, इससे ज्यादा से ज्यादा नए संक्रमित लोगों की पहचान की जा सकी और उन्हें उचित इलाज उपलब्ध कराया जा सका। दिल्ली में कोरोना के नए मामले कम हो जाने के बाद भी 2 अगस्त को दिल्ली में 4289 आरटी-पीसीआर टेस्ट और 8441 रैपिड एंटीजन टेस्ट का गए हैं। दिल्ली अब तक कुल 10,63,669 टेस्ट कर चुकी है, प्रति 10 लाख की आबादी पर यह आंकड़ा 55,982 का बनता है जो देश में सबसे ज्यादा है।

दूसरे राज्यों ने अस्पतालों को प्राथमिकता बनाया

जहां सभी राज्यों ने कोरोनो के मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने को ही अपनी प्राथमिकता बनाया था, लेकिन दिल्ली ने सबसे पहले इस विचार को आगे बढ़ाया कि लक्षणहीन रोगियों या माइल्ड स्तर के रोगियों को अस्पताल में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है, उन्हें थोड़ी से चिकित्सकीय सहायता में उनके घरों में ही बेहतर इलाज दिया जा सकता है। इस विधि से केंद्र पहले संतुष्ट नहीं था और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे खारिज कर दिया था, लेकिन अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में इस मॉडल से संतुष्ट होने के बाद उन्होंने भी इसे ठीक करार दे दिया।

दिल्ली में 80 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हुए

दिल्ली सरकार ने सभी करोना पीड़ितों को ऑक्सीमीटर देकर एक और बेहतरीन कदम उठाया, जिससे लोगों ने अपने ऑक्सीजन स्तर पर लगातार नजर रखी और स्थिति बिगड़ते ही अस्पतालों का रुख किया। आज भी सच्चाई यह है कि दिल्ली के सभी ठीक होने वाले लोगों में 80 फीसदी से ज्यादा लोगों की संख्या होम आइसोलेशन में ठीक होने वालों की ही है, इस समय भी 5663 लोग घरों में रहकर ही अपना इलाज करवा रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी ने गंभीर मरीजों की जान बचाने में काफी कारगर काम किया। दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में सबसे पहले प्लाज्मा थेरेपी को आजमाने की अनुमति मिली थी, लेकिन इसके सटीक नतीजे मिलने के बाद इसे बढ़ाकर प्राइवेट अस्पतालों में भी इजाजत दी गई, साथ ही एलबीएस अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाया गया, इससे लोगों की जान बचाने में मदद मिली।

दिल्ली मॉडल देश के काम आ सकता है- चोपड़ा

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली मॉडल कोरोना से लड़ाई के मामले में देश के काम आ सकता है, जिसे अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युद्धस्तर पर टेस्टिंग, संक्रमण में फैलाव को रोकने के लिए छोटे-छोटे माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाना बेहद कारगर साबित हो सकता है। इस दौरान मरीजों के ऑक्सीजन स्तर पर लगातार नजर बनी रहनी चाहिए क्योंकि अचानक ऑक्सीजन स्तर घटने से व्यक्ति की मौत हो जाती है।

दिल्ली में अब केवल 10207 एक्टिव केस

दिल्ली में आज 805 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं, जबकि 15 मरीजों की मौत हुई है। दिल्ली में अब तक कोरोना के कुल 1,38,482 मामले सामने आ चुके हैं, इनमें 1,24,254 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 10207 एक्टिव केस हैं। दिल्ली में अब तक 4021 कोरोनो मरीजों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में कल यानि 2 अगस्त को 961 कोरोना के नए मामले सामने आए थे। दिल्ली में 23 जून को रिकॉर्ड 3947 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए थे, जो कि एक दिन में अब तक का सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस है।

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