
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कहर के खिलाफ पूरी दुनिया के साथ भारत एकजुट होकर लड़ाई लड़ाई लड़ रहा है, इस बीच कोविड-19 को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आज एक सनसनीखेज बयान दिया है। रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत में मौजूदा आकलन के मुताबिक, कोविड-19 का पीक जून-जुलाई, 2020 में आएगा।
भारत में कोविड़-19 का पीक जून-जुलाई में आएगा– गुलेरिया
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कहर के खिलाफ पूरी दुनिया के साथ भारत एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है, इस बीच कोविड-19 को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आज एक सनसनीखेज बयान दिया है। रणदीप गुलेरिया ने आज समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा है कि भारत में मौजूदा आकलन के मुताबिक, कोविड-19 का पीक यानि चरम जून-जुलाई, 2020 में आएगा, केवल यही नहीं काफी लंबे समय तक कोरोना के जीरो केस नहीं होंगे।
कोविड-19 के डाटा का अध्ययन हम कई तरीकों से कर रहे हैं– गुलेरिया
रणदीप गुलेरिया ने अपने इंटरव्यू के दौरान कहा कि कोविड-19 के डाटा का अध्ययन हम कई तरीकों से कर रहे हैं, डाटा के अध्ययन से यह बात साफ हो गई है जिस हिसाब से कोविड-19 भारत में बढ़ रही है, उससे यह कहा जा सकता है कि कोविड-19 जून-जुलाई, 2020 में अपने चरम पर होगी, इसके लिए कई फैक्टर भी काम करेंगे।
गुलेरिया ने कहा, लॉकडाउन से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए काफी समय मिला
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन से हमें स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए काफी समय मिला, जिसके कारण हम कई चीजें कर पाए हैं- चाहे वह इफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की बात हो या कोविड-19 केयर हॉस्पिटल हो, या कोविड-19 केयर फैसिलिटी तैयार करनी हो, या कोविड-19 आईसीयू हो, या कोविड-19 ट्रेनिंग की बात हो। उन्होंने कहा कि पहले हम रोजाना 2 हजार कोरोना टेस्ट कर रहे थे, वहीं अब 80-90 हजार कोरोना टेस्ट कर रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान जितने कोरोना केस दुनिया में बढ़े, उतने भारत में नहीं- गुलेरिया
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमारे देश में कोरोना टेस्ट तथा कोरोना पॉजिटिव केस का औसत अभी भी लगभग उतना ही है, जितना पहले था, यदि लॉकडाउन के नियमों का पालन ठीक ढंग से हुआ तो कोविड-19 का ग्राफ कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बहुत सारी दवाओं पर काम चल रहा है, इनमें से कई मॉलिक्यूलर मेडिसिन हैं, इसके कोरोना के वैक्सीन पर भी काम तेजी से चल रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान जितने मामले दुनिया के और देशों में बढ़े हैं, उतने हमारे देश में नहीं बढ़े हैं।