राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भगवत ने मथुरा के परखम में देश के पहले गौ अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन के साथ ही दीनदयाल बुनकर केंद्र का भी लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने बुनकर केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। साथ ही बुनकर केंद्र का संचालन कर रहे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता वीरेंद्र दत्त सेमवाल को बधाई भी दी।
मथुरा के परखम में बुनकर केंद्र का लोकार्पण करने के दौरान सर संघचालक मोहन भागवत ने वीरेंद्र दत्त सेमवाल से मुलाकात की। सेमवाल ने बताया कि केंद्र के माध्यम से हैंडलूम कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। पावरलूम तो जगह-जगह लगाए जा रहे हैं लेकिन हैंडलूम से अधिक रोजगार सृजन की राह आसान होगी। इसके साथ ही प्रशिक्षित कारीगर भी बनेंगे। गांवों में रहने वाले लोगों को उनके घर के आसपास ही काम मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संघ लगातार इस प्रकार के प्रक्रमों को बढ़ावा दे रहा है। सेमवाल ने बताया कि 80 गांवों का भ्रमण करने के बाद परखम में बुनकर केंद्र बनाया गया है।
केंद्र के लिए ग्रामीण क्षेत्र के चयन के पीछे यहाँ के हजारों महिलाओं व पुरुषों के लिए रोजगार का सृजन करने के साथ ही उन्हें सशक्त बनाना है। शुरुआत में पांच हजार लोगों को इस रोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके बाद एक लाख से अधिक लोग इससे जुड़ेंगें। हैंडलूम के प्रोडक्ट्स की विदेशों में खासी मांग है। हैंडलूम केंद्र में बने उत्पादों की जर्मनी सहित अन्य देशों में खासी डिमांड है। ऐसे में हैंडलूम कारोबार से जुड़ने वाले कारीगरों का भविष्य बेहद उज्जवल दिखाई देता है।