बिहार में 8 महीने से चल रहा था फर्जी थाना, कॉन्स्टेबल से लेकर दारोगा तक थे तैनात, जानिए पूरा मामला

बिहार के बांका से एक फर्जी थाना का मामला सामने आया है, ये थाना 8 महीने से चल रहा था। इस फर्जी थाने द्वारा जालसाजी के माध्यम से गरीब लोगों से पैसा ऐंठने का काम किया जाता था। फर्जी थाने को बांका में एक गेस्ट हाउस में चलाया जा रहा था।

बांका में 8 महीने से चल रहा था फर्जी थाना
दरअसल, अब तक फर्जी पुलिस या पदाधिकारी की बातें सुनने को मिलती थी, लेकिन जालसाजी इस हद तक बढ़ गई है कि जिला मुख्यालय में पिछले 8 महीने से फर्जी थाना चल रहा था और किसी पुलिस या किसी आम नागरिक को इसकी भनक तक नहीं लगी। बिहार के बांका के एक गेस्ट हाउस में तथाकथित थाना बनाया गया था। जालसाजी के माध्यम से गरीब लोगों से पैसा ऐंठने का काम किया जाता था, यहां कॉन्स्टेबल से लेकर दारोगा तक की ड्यूटी थी, कोई भी देखकर पहली नजर में धोखा खा जाएगा।

इस मामले में 5 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
बांका थानाध्यक्ष शंभू प्रसाद यादव ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर किसी अपराधी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर वह थाना लौट रहे थे, इस बीच बांका गेस्ट हाउस के सामने सड़क पर एक अनजान महिला और युवक पुलिस के ड्रेस में दिखे, शक के आधार पर पूछताछ के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। गिरफ्तार 5 लोगों में एक तथाकथित महिला दारोगा है, जो बिहार पुलिस की फुल ड्रेस में थी, उसके पास एक पिस्टल भी था, वहीं दूसरा आकाश कुमार है खुद को इस फर्जी थाने का चौकीदार बता रहा था।

मुख्य सरगना है फुल्लीडुमर का भोला यादव
अनिता ने बताया कि वह बांका जिले के फुल्लीडुमर के दुधघटिया की रहने वाली है, उसे फुल्लीडुमर के ही भोला यादव ने फर्जी दारोगा बनाकर बांका के कार्यालय में तैनात किया था, अपने काम के बारे में बताते हुए उसने कहा कि जहां कहीं भी सरकारी आवास आदि बनता था वहां जांच करने के लिए जाते थे। आकाश की मानें तो भोला यादव को 70 हजार रुपए देकर वह बहाल होकर फर्जी थाना में चौकीदार बना था। कार्यालय के संचालन से लेकर सभी कर्मी की बहाली, पुलिस वर्दी, अवैध पिस्टल उपलब्ध कराने में फुल्लीडुमर के भोला यादव का नाम मुख्य सरगना के रूप में सामने आ रहा है।

एसपी सत्य प्रकाश ने दी इस मामले में जानकारी
बांका के पुलिस अधीक्षक डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि यह पूरी तरह से जालसाजों का गिरोह है जो पटना स्कॉर्ट टीम नाम से बांका में एक कार्यालय संचालित करता था, यहां से पुलिस वर्दी में कुछ संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी की गई है, कार्यालय से भी कुछ कागजात, बिहार पुलिस की वर्दी, बैज समेत अन्य सामान जब्त किए गए हैं। एसपी डॉ. सत्य प्रकाश की मानें तो यह गिरोह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पुलिस की नौकरी का झांसा देकर पैसा ठगता है। पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

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