
भारत-चीन विवाद के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने चीन को बड़ा झटका दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने बॉयकॉट चीन मुहिम को आगे बढ़ाते हुए बिहार में गंगा नदी पर बनने वाले एक मेगा ब्रिज परियोजना के टेंडर को रद्द कर दिया है, क्योंकि इसमें चीनी कंपनियां शामिल हैं।
केंद्र की मोदी सरकार ने बॉयकॉट चीन मुहिम को आगे बढ़ाया
भारत-चीन विवाद के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने चीन को बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार ने बॉयकॉट चीन मुहिम को आगे बढ़ाते हुए बिहार में गंगा नदी पर बनने वाले एक मेगा ब्रिज परियोजना के टेंडर को रद्द कर दिया है, क्योंकि इसमें चीनी कंपनियां शामिल हैं। इस मेगा ब्रिज का निर्माण पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पास में होना था।
मेगा ब्रिज का टेंडर रद्द किए जाने की पुष्टि बिहार सरकार ने भी की
इस मेगा ब्रिज का टेंडर रद्द किए जाने की पुष्टि 28 जून को बिहार सरकार के सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने भी की। नंद किशोर यादव ने कहा कि इस प्रॉजेक्ट के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चाइनीज थे, हमने उन्हें पार्टनर बदलने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए हमने टेंटर को रद्द कर दिया है, हमने पुल के निर्माण के लिए दोबारा आवेदन मंगवाए हैं।
मेगा परियोजना की पूंजी लागत करीब 2900 करोड़ रुपए थी
ध्यान रहे कि इस परियोजना की पूंजी लागत अनुमानित रूप से 2900 करोड़ रुपए से अधिक थी, जिसमें 5.6 किलोमीटर लंबा पुल, अन्य छोटे पुल, अंडरपास और एक रेल ओवरब्रिज शामिल है। इस परियोजना को रद्द करने का निर्णय 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद लिया गया है, 20 शहीद जवानों में 5 जवान बिहार के भी थे।
मेगा परियोजना को जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाना था
गौरतलब है कि इस मेगा परियोजना की मंजूरी 16 दिसंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति ने दी थी। इस परियोजना की निर्माण अवधि करीब तीन वर्ष की थी और इसे जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाना था।