
राष्ट्रीय जनता दल यानि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा ट्रेजरी मामले में आज 9 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई। हालांकि एक अन्य मामले दुमका कोषागार मामले में जमानत नहीं मिलने की वजह से फिलहाल लालू प्रसाद को जेल में ही रहना होगा और उनकी अभी रिहाई नहीं होगी।
बिहार चुनाव में प्रचार नहीं कर पाएंगे लालू प्रसाद
जानकारी के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में जमानत मिलने के बाद दूसरे मामले में जमानत करीब एक महीने बाद मिलेगी। लालू प्रसाद यादव को सभी मामलों में जमानत आधी सजा जेल में काटने की वजह से मिल रही है। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लालू प्रसाद यादव द्वारा चुनाव प्रचार किए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी जिसपर एक तरह से अब विराम लग गया है। ध्यान रहे कि रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद को 5 साल की सजा सुनाई है, अपनी जमानत याचिका में लालू यादव ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अपनी आधी सजा काट ली है, इस आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए, इसके अलावा उन्होंने अपनी बीमारी का भी हवाला दिया था।
लालू प्रसाद को 4 मामले में सजा मिली है
इससे पहले 11 सितंबर, 2020 को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने लालू प्रसाद के जमानत का विरोध किया था। सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू प्रसाद को 4 मामले में सजा सुनाई गई है, सभी मामलों की सजा अलग-अलग चल रही है। जब तक संबंधित अदालत सभी सजा एक साथ चलने का आदेश नहीं दे देती, तब तक सजा अलग-अलग ही चलेंगी। सभी मामलों में आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल सकती है। ध्यान रहे कि 6 अक्टूबर को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव रिम्स में इलाज करवा रहे लालू यादव से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे, उन्होंने इसके लिए जेल प्रशासन से विशेष अनुमति ली थी, बताया जा रहा है कि वे सिंबल पर लालू प्रसाद के हस्ताक्षर लेने के लिए गए थे, इसके बाद वे बिना किसी से बात किए रिम्स से निकल गए, इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
लालू प्रसाद रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट हैं
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के 4 अलग-अलग मामलों में 14 साल तक की कैद की सजा पाने के बाद 23 दिसंबर, 2017 से इलाज के लिए न्यायिक हिरासत में झारखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान रिम्स में भर्ती हैं। कुछ महीने पहले लालू प्रसाद को कथित तौर पर कोरोना वारयस संकट से बचाने के लिए रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया है। सितंबर, 2013 में चारा घोटाले के पहले मामले में दोषी करार करार दिए जाने के बाद लालू प्रसाद 2014 में जमानत पर रिहा हुए, लेकिन फिर 23 दिसंबर, 2017 को लालू प्रसाद चारा घोटाले के एक अन्य मामले में सजा सुनाए जाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा होटवार जेल भेजे गए और तब से वह जेल में ही बंद हैं।