बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 को लेकर महागठबंधन ने आज 17 अक्टूबर को पटना के मौर्या होटल में आयोजित कार्यक्रम में अपना संकल्प पत्र जारी किया। इस मौके पर महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, रणदीप सुरजेवाला, अखिलेश सिंह, शक्ति सिंह गोहिल समेत महागठबंधन के घटक दलों के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे।
समान काम करने वालों को समान वेतन- तेजस्वी
महागठबंधन का संकल्प पत्र जारी करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आज बहुत ही खास दिन है, हम 10 लाख युवाओं को रोजगार देंगे, यदि जनता मौका देती है तो पहली कैबिनेट में पहला दस्तखत नौकरियों को लेकर करेंगे। उन्होंने कहा कि कलश स्थापना के साथ हमने संकल्प लिया है कि हमारा प्रण संकल्प बदलाव का है, समान काम करने वालों को समान वेतन देंगे, हम पलायन को रोकेंगे, एयरपोर्ट से लेकर वर्ल्ड क्लास सुविधा देंगे, किसानों का कर्ज माफ करेंगे, हम बिजली की हर समस्या को दूर करेंगे।
4 लाख नौकरियां बिहार सरकार में रिक्त- तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी लोग कह रहे हैं कि 10 लाख नौकरी कहां से आएगी, 4 लाख नौकरियां तो बिहार सरकार में रिक्त हैं, ये नौकरियों शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग में हैं। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से राज्य में शासन कर रहे हैं, लेकिन इसे अब तक विशेष राज्य की श्रेणी नहीं मिल पाई है, यहां डोनाल्ड ट्रंप आकर समझौते नहीं करेंगे।
ये चुनाव नई दशा बनाम दुर्दशा का चुनाव- सुरजेवाला
इस मौके पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये चुनाव नई दशा बनाम दुर्दशा का चुनाव है, ये चुनाव नया रास्ता और नया आसमान बनाम हिंदू-मुसलमान का चुनाव है, ये चुनाव नए तेज बनाम फेल तजुर्बे की दुहाई का चुनाव है, ये चुनाव खुद्दारी और तरक्की बनाम बंटवारा और नफरत का चुनाव है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी ने बिहार की पीठ में वार किया है, बिहार सब कुछ स्वीकार कर सकता है लेकिन धोखा नहीं। सुरजेवाला ने कहा कि अगर हम तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाते हैं तो हम 3 कृषि विरोधी कानूनों को समाप्त करने के लिए पहले विधानसभा सत्र में एक विधेयक पारित करेंगे।
महागठबंधन के संकल्प पत्र की मुख्य बातें
1. सत्ता में आते ही 10 लाख स्थाई नौकरियां देंगे। यह फैसला बनने वाली सरकार की पहली ही कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।
2. सरकारी नौकरी में बहाली के लिए छात्र-छात्राओं से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
3. राज्य में कर्पूरी श्रमवीर सहायता केंद्र बनेंगे, जहां किसी भी आपदा के वक्त प्रवासी व उनके परिवार को बिहार सरकार से मदद मिल सकेगी।
4. मनरेगा के तहत प्रति परिवार के बजाय प्रति व्यक्ति को काम का प्रावधान, न्यूनतम वेतन की गारंटी एंव कार्य दिवस को 100 से बढ़ा कर 200 दिन किया जाएगा। मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार योजना भी बनाया जाएगा।
5. संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थाई कर समान काम समान वेतन की नीति पर अमल किया जाएगा। सभी विभाग में निजीकरण खत्म किया जाएगा, साथ ही स्थाई और नियमित नौकरी की व्यवस्था की जाएगी।
6. राज्य में वर्ष 2005 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर पूर्व की भांति पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।
7. कार्यपालक सहायक, सांख्यिकी स्वयंसेवक, लाइब्रेरियन, आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं, आशाकर्मियों, मध्याह्न भोजन रसोई वर्करों, ग्रामीण, चिकत्सकों, जीविका दीदियों के अधिकारों में विस्तार। इसकी शुरुआत आशा वर्करों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं, रसाईकर्मियों के मौजूदा मानदेय को दोगुना करके और जीविका दीदियों को नियमित वेतन/नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी।
8. जीविका स्वंय समहायता समूह के कैडर को स्थाई किया जाएगा। जीविका कैडर के मौजूदा दर के मानदेय को दोगुना किया जाएगा। सारे कैडर का कम से कम 4000 रुपए महीने का मानदेय दिया जाएगा।