
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मार्च से 3 मई तक 40 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को देखते हुए उनकी सुरक्षा को ध्यान रख कर केंद्र की मोदी सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मार्च से 3 मई तक 40 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को देखते हुए उनकी सुरक्षा को ध्यान रख कर केंद्र की मोदी सरकार ने आज एक अध्यादेश जारी किया है, जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़े रहे स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों तथा उत्पीड़न को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को 7 साल तक की सजा
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा इस अध्यादेश में सख्त सजा तथा जुर्माने का प्रावधान किया गया है, स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करना गैर जमानती अपराध होगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों पर 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है, साथ ही 50 हजार रुपए से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना भी होगा। जावड़ेकर ने बताया कि अगर हमले में ज्यादा नुकसान होगा, हो तो 6 महीने से 7 तक की सजा हो सकती है, ऐसे मामलों में जुर्माना 1 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक होगा।
अमित शाह-हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य कर्मियों से बात की थी
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 30 दिन में मुकदमा चलना शुरू हो जाएगा तथा 1 साल में फैसला आएगा, अगर हमले में स्वास्थ्य कर्मियों की गाड़ी या क्लीनिक का नुकसान होगा, तो हमलावर से बाजार रेट से दोगुना मुआवजा वसूल किया जाएगा। जावड़ेकर ने बताया कि आज सुबह ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य कर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी, जिसमें डॉक्टरों ने मांग की थी, कि कोरोना संकट में उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कानून लाए।
123 साल पुराने कानून में बदलाव
डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार कानून लाने की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एनएसए, आईपीसी, सीआरपीसी होने के बावजूद यह अध्यादेश लाने का फैसला किया गया है। ध्यान रहे कि कैबिनेट की बैठक में आज 123 साल पुराने कानून में बदलाव करके स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया गया है।
भारत में कोरोना पॉजिटिव केस 20,400 के पार, मरने वालों की संख्या 653 पहुंची
गौरतलब है कि अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 20,400 को पार कर चुकी है, कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 4072 हो गई है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 653 हो चुकी है। अब तक पूरे विश्व में कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या 25 लाख, 76 हजार को पार कर चुकी है तथा इससे मरने वालों की संख्या करीब 1 लाख, 78 हजार पहुंच चुकी है। विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केसों की कुल संख्या अमेरिका में करीब 8 लाख 19 हजार पहुंच चुकी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या यहां करीब 45,300 हो चुकी है।