
फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की आग यूं ही नहीं लगी थी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ने के लिए इसे सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था। इस साजिश में देश के नामी राजनीतिज्ञों, अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं।
स्पेशल सेल को साजिश के पर्याप्त सुबूत मिले हैं
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की साजिश को अंजाम देने के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानि जेएनयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को मोहरा बनाकर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर 22 जगह धरना प्रदर्शन को शुरू कराया गया था। हाल में दाखिल किए गए आरोप पत्र के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को साजिश के पर्याप्त सुबूत मिले हैं, इनमें कुछ नेताओं के खिलाफ भी सुबूत मिले हैं, जिन्हें स्पेशल सेल ने चरणबद्ध तरीके से आरोप पत्र में शामिल किया है। वहीं, साजिश में शामिल कई सफेदपोशों के नाम और अहम सुबूत पूरक आरोप पत्र में रखने की योजना है।
दंगे की साजिश रचने के मास्टर माइंड सामने आए
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, सीएए को लेकर दिसंबर, 2019 में धरना-प्रदर्शन की ही योजना बनी थी। फरवरी में ट्रंप के दौरे की बात सामने आई तो वामपंथी व अन्य बड़े नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए दंगे की साजिश रच डाली। आरोप पत्र में स्पेशल सेल ने कहा है कि दोनों समुदाय में तनाव बढ़ाने के लिए इन नेताओं ने धरना प्रदर्शन में जाकर भड़काऊ भाषण दिए थे। स्पेशल सेल ने अभी इनमें चंद नेताओं से ही पूछताछ की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों की मानें तो बड़ी संख्या में दंगे की साजिश रचने के मास्टर माइंड सामने आए हैं। अब एक-एक कर इन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ की जाएगी, इसमें जिनके खिलाफ सुबूत मिलेंगे, आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
22 फरवरी को सड़क जाम करने का मिला था संदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली पहुंचने पर 22 फरवरी को सभी धरनास्थलों पर बैठे लोगों को मुख्य सड़कों को जाम करने का संदेश दिया गया था, इसके बाद साजिश के तहत उसी दिन दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क को जाम कर दिया गया, इसके बाद 23 फरवरी को दिल्ली पुलिस पर पथराव कर साजिश को अंजाम दिया गया।
चीन से फंडिंग के भी जुड़ रहे हैं तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच में फंडिंग के तार चीन से भी जुड़ रहे हैं। दरअसल, स्पेशल सेल को जांच में कई वामपंथी संगठनों व नेताओं के साजिश में शामिल होने की जानकारी मिली है। स्पेशल सेल को शंका है कि इनके द्वारा दिल्ली दंगे के लिए चीन से फंडिंग करवाई गई है, इस दिशा में भी स्पेशल सेल जांच कर रही है। पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई से करोड़ों रुपए की फंडिंग किए जाने के सुबूत पहले ही मिल चुके हैं।
साजिश में ये नाम आए हैं सामने
गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानि यूएपीए के तहत फिलहाल जिन 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने अपने बयान में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, सीपीआई एमएल पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन, बृंदा करात, कांग्रेस पार्टी के नेता उदित राज, फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व एक्टिविस्ट अपूर्वानंद, कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद, आप के विधायक अमानतुल्लाह खान, एडवोकेट महमूद प्राचा, स्टूडेंट एक्टिविस्ट कवल प्रीत कौर, वैज्ञानिक गौहर राजा, भीम आर्मी सदस्य हिमांशु व चंदन कुमार आदि के नाम का जिक्र किया है।