
सुप्रीम कोर्ट में आज कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए पूरे देश में समान व्यवस्था लाने के लिए वित्तीय आपातकाल लागू करने की मांग की याचिका पर सुनवाई हुई। यह याचिका सेंटर फॉर एकाउंटबेलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज संस्था ने दाखिल किया था।
सेंटर फॉर एकाउंटबेलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज ने दायर की है याचिका
सुप्रीम कोर्ट में आज कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए पूरे देश में समान व्यवस्था लाने के लिए वित्तीय आपातकाल लागू करने की मांग की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसपर अदालत ने फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं किया। इस याचिका को सेंटर फॉर एकाउंटबेलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज संस्था ने दाखिल किया था, जिसमें कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरे देश में पैदा हुए वर्तमान स्थितियों को देखते हुए संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत वित्तीय आपातकाल घोषित करने की मांग की थी।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई
सप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर कुछ समय बहस सुनने के बाद बिना कोई आदेश दिए इस मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए दिया। इस इस याचिका की सुनवाई जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यता वाली बेंच ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की। एडवोकेट विराग गुप्ता ने इस याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए अदालत से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरे देश में एक समान व्यवस्था लागू करने की जरूरत है। विराग गुप्ता ने कहा कि इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार जो भी आदेश राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी कर रही है, वह संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत जारी किए जाने चाहिए, ऐसा करने से केंद्र सरकार के आदेश राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों पर बाध्यकारी होंगे, आदेश को मानना या न मानना राज्यों की या केंद्र शासित प्रदेशों इ्च्छा पर निर्भर नहीं करेगा।
अदालत ने याचिका को दो हफ्ते के लिए टाल दिया
इस मामले पर जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच विराग गुप्ता के द्वारा दिए गए तर्कों से सहमत नहीं दिखी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जो बात कहना चाहते हैं इस बारे में केंद्र सरकार को ज्ञापन दे सकते हैं, तो विराग गुप्ता ने कहा कि अदालत उनकी याचिका को ज्ञापन की तरह केंद्र सरकार को भेज दें, लेकिन अदालत ने बिना को कोई आदेश जारी किए इस मामले को 2 हफ्ते के लिए टाल दिया।