
देश में सरकारी बैंकों में मर्जर का दूसरा दौर जल्द शुरू होने की उम्मीद है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सूत्रों से यह जानकारी मिली है। इससे पहले साल 2019 में केंद्र सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों का 4 बड़े ऋणदाताओं में विलय किया था।
4 से 5 बड़े बैंक के मर्जर होने की उम्मीद
मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी सेक्टर के बैंकों के विलय के दूसरे दौर की शुरुआत कर सकती है, इसमें 4 से 5 बड़े बैंक के मर्जर होने की उम्मीद है। इस विलय के बाद देश में 4 या 5 बैंक रह जाएंगे, ये बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की तरह होंगे। दरअसल, वर्तमान में देश में सरकारी क्षेत्र के 7 बड़े और 5 छोटे बैंक हैं।
साल 2019 में 10 बैंकों का हुआ था विलय
ध्यान रहे कि सबसे पहले साल 2019 में केंद्र सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों को 4 बड़े ऋणदाताओं में विलय किया था, इसके बाद सरकारी बैंकों की संख्या कम होकर 12 हो गई थी। साल 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के 6 बैंकों ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहबाद बैंक अब इतिहास बन गए हैं, इन बैंकों का विलय 4 बड़े बैंकों में किया गया था। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों ने पिछले वर्षों में सभी प्रमुख संकेतकों पर बेहतर प्रदर्शन किया है, कुछ बैंकों का मुनाफा भी बढ़कर दोगुना हो गया है। बताया जा रहा है कि सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए केंद्र सरकार जल्द ही संसद में विधेयक पेश कर सकती है।