दिल्ली में डीटीसी की लो फ्लोर 1000 बसों की खरीद में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को ही निशाने पर ले लिया है।
एलजी वीके सक्सेना ने लिया बड़ा एक्शन
दिल्ली में डीटीसी की 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में हुई कथित अनियमितता को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बड़ा एक्शन लिया है। एलजी वीके सक्सेना ने लो फ्लोर बसों की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार की शिकायत पर प्रमुख सचिव के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें कहा गया था कि इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाए, ऐसे में माना जा रहा है कि सीबीआई अब इस शिकायत की जांच कर सकती है। इस पूरे मामले में अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का बयान भी सामने आ गया है।
बसें कभी खरीदी ही नहीं- केजरीवाल सरकार
केजरीवाल सरकार ने एलजी वीके सक्सेना पर हमला बोला है। केजरीवाल सरकार ने बयान जारी कर कहा कि टेंडर रद्द हो गए थे और बसें कभी खरीदी ही नहीं गई, दिल्ली को ज्यादा पढ़े लिखे एलजी की जरूरत है, मौजूदा एलजी को पता ही नहीं वो किस पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार के बयान के मुताबिक, एलजी वीके सक्सेना पर खुद गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, एलजी ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की जांच के आदेश दे रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने कहा कि इस तरह की जांचों से अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ निराधार शिकायत के बाद अब वह चौथे मंत्री की शिकायत कर रहे हैं।
LG सक्सेना पर हैं गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप
केजरीवाल सरकार ने कहा कि एलजी वीके सक्सेना पहले खुद के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब दें। एलजी वीके सक्सेना पर आरोप है कि खादी ग्राम उद्योग आयोग का अध्यक्ष रहते उन्होंने 1400 करोड़ रुपए का घोटाला किया, इसी दौरान उन्होंने बिना टेंडर के अपनी बेटी को ठेका दिया।