दिल्ली सरकार के बहुचर्चित कैंपेन ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सवाल उठाए हैं। विनय सक्सेना ने फाइल दिल्ली की केजरीवाल सरकार को वापस भेजकर इस पर दोबारा विचार करने को कहा है। उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बहुत ज्यादा प्रदूषण और ट्रैफिक के बीच खड़ा करना अमानवीय और शोषण करना है।
LG ने फाइल को CM कार्यालय वापस भेजा
दिल्ली उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कैंपेन से जुड़ी प्रस्ताव की फाइल दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय को वापस भेज दी है। उपराज्यपाल सक्सेना ने इस कैंपेन पर कई सवाल उठाए हैं, साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कैंपेन को लेकर पुर्नविचार करने के लिए कहा है। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के इस बहुचर्चित कैंपेन पर सवाल उठाया है कि ‘इस बात का कोई सबूत नहीं कि इस तरीके से कैंपेन चलाने से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकता है, ये कैंपेन सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।’
100 चौराहों पर तैनात होते हैं वॉलंटियर
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बहुत ज्यादा प्रदूषण और ट्रैफिक के बीच खड़ा करना अमानवीय और शोषण करना है, इस कैंपेन में सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को इस तरीके प्रदूषण के बीच खड़ा नहीं रखा जा सकता। उपराज्यपाल ने राजस्व और कानून विभाग को निर्देश दिया है कि दोनों विभाग भी इस बात की जांच करें कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स का इस तरीके से कैंपेन के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। इसके अलावा उपराज्यपाल ने इस कैंपेन पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि बीते सालों के जो प्रभाव इस कैंपेन के जरिए देखे गए उनकी जानकारी प्रपोजल में नहीं दी गई है। ध्यान रहे कि बीते कई वर्षों से साल के अंत में दिल्ली सरकार ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कैंपेन चलाती आई है, इसके तहत दिल्ली के 100 चौराहों पर 2000 से ज्यादा सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स खड़े किए जाते हैं, यह वॉलंटियर लोगों को रेड लाइट पर गाड़ी बंद कर ईंधन बचाने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए जागरूक करते हैं।
केजरीवाल सरकार और LG आमने-सामने
हाल ही में इस कैंपेन को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने आए हैं। दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल कार्यालय पर यह आरोप लगाया था कि सरकार ये कैंपेन अक्टूबर से शुरू करने जा रही थी, लेकिन इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने समय से मंजूरी नहीं दी, इसलिए यह कैंपेन अधर में लटक गया। हालांकि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी दिल्ली सरकार के इन आरोपों का जवाब दे चुके हैं, उन्होंने साफ किया कि दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें इस कैंपेन से जुड़ी फाइल बहुत देरी से मिली, उसके बाद त्योहारों के चलते अवकाश घोषित हुए उस दौरान लगभग सभी दफ्तर बंद हो जाते हैं।
केजरीवाल सरकार पर झूठ बोलने का आरोप
उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, उन्हें इस कैंपेन से जुड़ी फाइल 22 अक्टूबर 2022 को प्राप्त हुई। उपराज्यपाल ने की दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली सरकार ने जनता से झूठ बोला कि वे इस कैंपेन को 28 अक्टूबर 2022 से शुरू करना चाहते हैं, जबकि कार्यालय में भेजे गए प्रस्ताव में कैंपेन शुरू होने की तारीख 31 अक्टूबर 2022 लिखी गई है।