उमेश पाल की ढाल बने गनर संदीप निषाद, गोली से जख्मी होकर भी बचाने दौड़े, फिर बदमाशों ने मार दिया बम

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुक्रवार को गोलियां चलते ही उमेश पाल की ढाल बनकर खड़े हुए यूपी पुलिस के सिपाही संदीप निषाद को भी बम और गोली लगने से घायल होना पड़ा और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। नौकरी से मिलने वाली सैलरी से संदीप अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे साथ ही छोटे भाई को पढ़ा भी रहे थे।

गनर संदीप का परिवार अकेला पड़ा
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को हुई सनसनीखेज वारदात के बाद मृतक उमेश पाल को सभी जान रहे हैं, लेकिन हत्याकांड में जान गंवाने वाले यूपी पुलिस के सिपाही संदीप निषाद का परिवार अकेला पड़ गया है। प्रयागराज हत्याकांड में आजमगढ़ के रहने वाले 26 वर्षीय गनर संदीप निषाद ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान की बाजी लगा दी, उमेश पाल को मारने आए बदमाशों ने सुरक्षा में ढाल बनकर खड़े गनर संदीप को भी अपनी गोली और बम से शिकार बना लिया और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

उमेश पाल के समर्थकों की भारी भीड़
प्रयागराज हत्याकांड के बाद जहां एक ओर प्रयागराज के स्वरूपरानी हॉस्पिटल स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर उमेश पाल के समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी, तो वहीं इस घटना में बदमाशों की गोली से मरने वाले सिपाही संदीप का परिवार अकेले में खड़ा था, सरकारी गनर संदीप निषाद के पिता संतलाल निषाद और भाई प्रदीप निषाद के साथ चंद रिश्तेदार ही सीएम हाउस के बाहर मौजूद थे।

परिवार और छोटा भाई था संदीप के भरोसे
घटना में शिकार हुए संदीप निषाद पिता के पिता संतलाल पेशे से किसान हैं। संदीप अपने 3 भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। संदीप का परिवार पुलिस विभाग से मिलने वाले पैसे पर ही आश्रित था। नौकरी से मिलने वाली सैलरी से सिपाही संदीप अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे, वे छोटे भाई को पढ़ा-लिखा भी रहे थे।

संदीप के परिवार वालों ने मांगी नौकरी
गनर संदीप निषाद की मृत्यु से दुख में डूबे पिता और भाइयों का कहना है कि हम लोग अब अपने बेटे संदीप को कभी भूल नहीं पाएंगे, वही हमारे परिवार की रोजी-रोटी का एक जरिया था, लिहाजा, जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह मांग है कि हमारे परिवार को आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

44 सेकंड के भीतर हुआ हत्याकांड
ध्यान रहे कि बसपा के विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की हत्या महज 44 सेकंड के भीतर कर दी गई। बेखौफ बदमाशों में एक बदमाश पहले से उमेश पाल का पास की दुकान में इंतजार कर रहा था, उमेश पाल के गाड़ी से उतरते ही शूटर्स ने फायरिंग कर दी, सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद ढाल बने तो उनको भी गोली मार दी गई।

दौड़ाकर गोली मरते रहे बदमाश
घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, गोली लगने के बाद भी उमेश पाल अपने घर की तरफ भागते हैं, लेकिन बदमाश पीछा करते हुए तंग गली में घुसकर फायरिंग करते हैं और बम फोड़ते हैं, वहीं गोली लगने से कार के पास मूर्छित पड़े गनर संदीप निषाद भी गली में भागते हैं, जिनको निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम मार दिया, फिर घायल अवस्था में संदीप निषाद उमेश पाल के घर के बाहर गिर पड़ते हैं। मृतक उमेश पाल की भतीजी ने अपनी पीड़ा को बयां करते हुए बताया कि गोली लगने के बाद जब चाचा भाग रहे थे, तो बदमाश उनको दौड़ाकर गोली मरते रहे, यह सब हमारी आंखों के सामने हुआ और हम चाचा को नहीं बचा पाए।

उमेश पाल ने जॉइन की थी BJP
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल ने हाल ही में भाजपा जॉइन की थी। उमेश पाल के यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल, सिद्धार्थ नाथ सिंह से नजदीकी संबंध थे। उमेश पाल की हत्या के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है, अब परिवार को शिकायत है कि जो नेता उमेश पाल से मिलने के लिए रोज आते थे, वह दिखाई नहीं पड़ रहे, हालांकि, स्थानीय विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह आज रविवार को सांत्वना प्रकट करने पहुंचे।

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