प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में वहां के पीएम जेम्स मारेप ने उनकी अगवानी की। पीएम मारेप ने प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूकर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को एयरपोर्ट पर ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस इंडो पैसिफिक रिजन में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ये पहला दौरा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने अपनी परंपरा को तोड़ते हुए पीएम मोदी का वेलकम किया है। दरअसल, इस देश में सूर्यास्त होने के बाद किसी भी विदेशी मेहमान का राजकीय सम्मान के साथ स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन भारत की अहमियत को देखते हुए वहां की सरकार ने ये फैसला लिया।
FIPIC समिट में शामिल होंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप और नए गवर्नर सर बॉब डाडे से बातचीत करेंगे, इसके बाद पैसिफिक आईलैंड कंट्रीज के लीडर्स के साथ होने वाली फोरम फॉर इंडिया पेसेफिक आईलैंड कॉ-ऑपरेशन समिट (FIPIC) में शामिल होंगे। इस बैठक के लिए सभी 14 द्वीप देशों के प्रमुख पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं। FIPIC को 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान लॉन्च किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इन देशों की ये तीसरी बैठक होगी।
25 मई को भारत लौटेंगे PM मोदी
23 मई को प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया रवाना हो जाएंगे, वहां वो भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे, 24 मई को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी एल्बानीज से मुलाकात करेंगे और 25 मई को सुबह दिल्ली वापस आ जाएंगे।
G7 की मीटिंग में शामिल हुए मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिरोशिमा में हुई 19-21 मई तक हुई G7 की बैठक में गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे। G7 दुनिया के सात विकसित और अमीर देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं, इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है।
G7 ने चीन को चेतावनी दी
दुनिया की सात विकसित इकोनॉमी के संगठन G7 ने साझा स्टेटमेंट में चीन को सख्त चेतावनी दी है, संगठन ने चीन का नाम लिए बिना दुनिया से किसी एक देश का आर्थिक दबदबा खत्म करने की शपथ ली। इस स्टेटमेंट में कहा गया कि G7 और उसके साथी देशों के आर्थिक हालातों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया तो परिणाम भुगतना होगा, किसी एक देश के आर्थिक दबदबे को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। G7 देशों ने चीन से अपील की है कि वो यूक्रेन से जंग खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बनाए।