देश में फैल रहा कोविड जैसा फ्लू, लक्षण भी कोरोना जैसे ही, ‘एंटीबायोटिक्स सोच-समझकर ही लें- IMA’

पिछले 2 महीने से राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद फ्लू के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं जो 10-12 दिनों से तेज बुखार के साथ खांसी से परेशान हैं।

एंटीबैक्टिरियल दवाओं के इस्तेमाल से बचें- IMA
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने लोगों को सलाह दी है कि सर्दी, जुकाम, बुखार और उबकाई आने पर बिना सोचे-समझे एंटीबायोटिक्स न लें। एसोसिएशन ने डॉक्टरों को भी कहा है कि वे मरीजों के लक्षणों को देखकर ही इलाज दें और एंटीबायोटक्स प्रेस्क्राइब न करें। एसोसिएशन ने कहा कि हमने कोरोना के दौरान एजिथ्रोमाइसिन और आइवरमेक्टिन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल होते देखा है, ज्यादा एंटीबायोटिक्स लेने से लोगों के शरीर में इसे लेकर प्रतिरोध पैदा हो गया है, इसलिए एंटीबायोटिक्स प्रेस्क्राइब करने से पहले ये देखना होगा कि इन्फेक्शन बैक्टीरियल है या नहीं।

एक हफ्ते में ठीक हो जाता है फ्लू- IMA
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया कि फ्लू वैसे तो एक हफ्ते के अंदर सही हो जाता है, लेकिन अगर शरीर में और कोई कॉम्प्लिकेशन है तो इसका असर अन्य ऑर्गन्स पर भी पड़ सकता है, कुछ लोग इससे बचने के लिए नियमित तौर पर फ्लू की वैक्सीन भी लगवाते हैं।

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