गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज के अचानक टूट जाने से सैकड़ों लोग नदी में गिर गए। हादसे के वक्त ब्रिज पर करीब 400-500 लोग मौजूद थे। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। हादसे में करीब 60 से ज्यादा लोगों की मौत की बात सामने आ रही है। मोरबी का यह झूलता पुल 140 साल से भी पुराना है।
हादसे के वक्त ब्रिज पर 500 लोग थे मौजूद
गुजरात के मोरबी जिले में आज 30 अक्टूबर 2022 के शाम को करीब 7 बजे बड़ा हादसा हो गया। मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया, जिसमें सैकड़ों लोग नदी में गिर गए। हादसे के वक्त ब्रिज पर करीब 500 लोग मौजूद थे, ये सभी छठ का त्योहार मना रहे थे। मोरबी सिविल अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में 60 से लोगों की मौत हुई है, मृतकों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं। 70 घायलों का रेस्क्यू कर लिया गया है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, बचे हुए लोगों को नदी से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ब्रिज को गुजराती नव वर्ष पर दिवाली के दिन यानि महज 6 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था।
मृतकों व घायलों को मुआवजा देने का ऐलान
गुजरात सरकार ने मृतकों के परिवार को 4 लाख और घायलों के परिवार को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है।
मोरबी का पुल 140 साल से भी पुराना
ध्यान रहे कि मोरबी का यह झूलता पुल 140 साल से भी पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। 20 फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल के हाथों इस पुल की नींव रखी गई थी। बताया जाता है कि उस समय इस पुल के निर्माण में करीब साढ़े 3 लाख रुपए का खर्च आया था, यह पुल दरबारगढ़ से नजरबाग को जोड़ता है, जिसे बनाने के लिए तब इंग्लैंड से सामान मंगाया गया था।