झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा है। ईडी ने हेमंत सोरेन को कल यानि 3 नवंबर 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी कल करेगी हेमंत सोरेन से पूछताछ
ईडी ने अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 3 नवंबर को साढ़े 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है। दरअसल, ईडी को सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साहिबगंज स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान एक लिफाफा मिला था, बताया जाता है कि इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक था, 2 चेकबुक में मुख्यमंत्री का साइन मिलने की बात भी कही जा रही है। इसके अलावा प्रेम प्रकाश के हरमू स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी को उसके घर की आलमारी से 2 एके-47 राइफल और 60 गोलियां मिली थी, बताया जाता है कि ये हथियार जिन 2 कांस्टेबल के थे, वे मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा में तैनात थे।
1000 करोड़ का है अवैध खनन मामला
ध्यान रहे कि ईडी इस मामले में हेमंत सोरेन के सहयोगी पंकज मिश्रा को पहले ही 19 जुलाई को 2022 को गिरफ्तार कर चुकी है। पंकज मिश्रा पर अवैध खनन के जरिए 42 करोड़ रुपए की मनी लाउंड्रिंग का आरोप है। पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के पश्चात आधिकारिक बयान में ईडी ने बताया था कि राज्य में 1000 करोड़ रुपए से भी अधिक का अवैध खनन हुआ है। जांच एजेंसी ने ईडी ने 8 जुलाई 2022 को झारखंड में सोरेन के सहयोगी पंकज मिश्रा और उनके व्यापारिक सहयोगियों से जुड़े 18 ठिकानों पर भी छापेमारी की थी।
पंकज मिश्रा हड़काता था अधिकारियों को
हाल ही में खुलासा हुआ कि न्यायिक हिरासत में रिम्स में इलाज के दौरान पंकज मिश्रा लगातार अधिकारियों के संपर्क में था। सूत्रों के मुताबिक, जांच में ईडी को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि पंकज मिश्रा सीएम हेमंत सोरेन का नाम लेकर अधिकारियों को हड़काता था। ईडी ने पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बरहरवा पुलिस स्टेशन, साहिगंज जिला, झारखंड में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी, बाद में आईपीसी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज अवैध खनन के संबंध में कई एफआईआर को भी अनुसूचित अपराधों के दायरे में लिया गया है।