
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 17 मई तक के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, लेकिन कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच कोरोना संकट के इस दौर में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि उनका यह काम मानवता की नई मिसाल बन गया है।
80 वर्षीय महिला ने अपनी पेंशन की पैसे को पीएम केयर्स फंड में दान किया
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 17 मई तक के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, लेकिन कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच कोरोना संकट के इस दौर में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि उनका यह काम मानवता की नई मिसाल बन गया है। 80 वर्षीय इस बुजुर्ग महिला ने 10 किलोमीटर पैदल चल कर कोरोना महामारी से लड़ाई में केंद्र सरकार को अपनी तरफ से 2 लाख रुपए की सहायता प्रदान की, यह पैसा भी उन्होंने अपनी पेंशन में से निकाल कर दिया।
उत्तराखंड की रहने वाली दर्शनी देवी पीएम केयर्स फंड में 2 लाख रुपए दिए
80 वर्षीय इस बुजुर्ग महिला का नाम दर्शनी देवी है, जो उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले के विकास खंड अगस्त्य मुनि की डोभा-डडोली गांव की रहने वाली हैं। दर्शनी देवी ने 15 मई को अपने घर से 10 किलोमीटर पैदल चलकर अगस्त्य मुनि पहुंची तथा वहां उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के नाम 2 लाख का ड्राफ्ट बनाया, इसके बाद वह नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी के माध्यम से इस धनराशि को दान किया। इस दौरान नगर पालिका के ईओ हरेंद्र चौहान ने दर्शनी देवी को माल्यार्पण कर स्वागत किया।
दर्शनी देवी भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए जवान की वीरंगना हैं
दर्शनी देवी ने इस मौके पर बताया कि उन्होंने गांव के सभी लोगों से सुना है कि कोरोना से पूरे विश्व में कोहराम मचा है, पूरी दुनिया के देश के लोग परेशान हैं, इस संकट की घड़ी में कई लोग राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार को सहयोग दे रहे हैं, ताकि इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई से मजबूती से लड़ा जा सके, इसलिए मैंने अपनी पेंशन से 2 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड में जमा करने का निर्णय लिया। गौरतलब है दर्शनी देवी के पति कबूतर सिह रौथाण वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हो गए थे, इस महिला की कोई संतान नहीं है। दर्शनी देवी का यह योगदान अब चर्चा का विषय बन गया है तथा लोग सराहना करते नहीं थक रहे हैं।