‘सामना’ में अनिल देशमुख को बताया गया ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’, अजित पवार ने जताई नाराजगी

महाराष्ट्र में कोरोना संकट के अलावा राजनीतिक संकट भी जारी है। भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर शिवसेना ने जमकर निशाना साधा है। शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में गृह मंत्री अनिल देशमुख को ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’ बताया गया है।

अजित पवार ने संजय राउत पर जताई नाराजगी
शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में आज 28 मार्च को गृह मंत्री अनिल देशमुख को ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’ बताए जाने के बाद महाराष्ट्र में सियासी घमासान और तेज हो गया है। सामना में शिवसेना सांसद संजय राउत के लेख पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने नाराजगी जताई है। अजित पवार ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी सरकार के प्रमुख नेताओं को इस तरह के बयान देकर महाराष्ट्र सरकार को मुश्किल में लाने का काम नहीं करना चाहिए।

देशमुख ‘दुर्घटनावश’ बने गृह मंत्री- संजय राउत
ध्यान रहे कि आज ‘सामना’ में संजय राउत ने लेख के जरिए सवाल उठाया कि एक एपीआई के इतने अधिकार कैसे दिए गए, आखिर वाजे किसका दुलारा था। गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सीधा हमला करते हए ‘सामना’ में लिखा गया कि गृह मंत्री का पद देशमुख को ‘दुर्घटनावश’ मिला, एनसीपी के बड़े नेताओं के इनकार करने के बाद शरद पवार ने अनिल देशमुख को ये पद दिया। अनिल देशमुख को ‘सामना’ के लेख में ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’ बताया गया है।

देशमुख ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’ नहीं हैं- मलिक
‘सामना’ में संजय राउत के लेख पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। नवाब मलिक ने कहा है कि सामना के लेख में कहा गया है कि अनिल देशमुख ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’ हैं, संपादक को लेख लिखने का अधिकार है, शरद पवार ने उन्हें सोच समझकर जिम्मेदारी दी है, वे ‘एक्सीडेंटल गृह मंत्री’ नहीं हैं, अगर गृह मंत्री में कुछ कमियां हैं तो वे उसे दूर करने का काम करेंगे।

जो भी सच है, वह सामने आएगा- देशमुख
इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि उनके ऊपर जो आरोप मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्रर परमबीर सिंह ने लगाए थे उसकी जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ट जज की निगरानी में होगी। उन्होंने कहा कि जो आरोप मुझ पर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे, मैंने उसकी जांच कराने की मांग की थी, मुख्यमंत्री और राज्य शासन ने मुझ पर लगे आरोपों की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के द्वारा करने का निर्णय लिया है, जो भी सच है, वह सामने आएगा। ध्यान रहे कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिख कर कहा था अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपए की मांग की थी।

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