
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज दिल्ली के रामलीला मौदान से केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसे। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, मुझसे 55 घंटे ईडी ने पूछताछ की, लेकिन मैं ईडी से नहीं डरता हूं।
देश में नफरत बढ़ती जा रही है- राहुल
दिल्ली के रामलीला मैदान में आज 4 सितंबर को महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी मसले पर कांग्रेस की हल्ला बोल रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि देश की हालत आपको दिख रही है, देश में क्या हो रहा है, आपसे नहीं छुपाया जा सकता है, जिसको डर होता है, उसके अंदर नफरत पैदा होती है। उन्होंने कहा कि आज देश में नफरत बढ़ती जा रही है, हिंदुस्तान में डर बढ़ता जा रहा है, आज देश में महंगाई और बेरोजगारी का डर है, नफरत से देश कमजोर होता है, भाजपा और आरएसएस के नेता देश को बांट रहे हैं और जान बूझकर देश में भय का माहौल बनाते हैं।
2 उद्योपति फायदा उठा रहे हैं- राहुल
राहुल गांधी ने आगे कहा कि मोदी सरकार में केवल 2 उद्योपति फायदा उठा रहे हैं, आपके भय और नफरत का फायदा इन्हीं के हाथों में जा रहा है, पिछले 8 साल में किसी और को कोई फायदा नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि मीडिया देश को डराती है, तेल, एयरपोर्ट, मोबाइल का पूरा सेक्टर इन्हीं दोनों उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।
मुझे 55 घंटे ईडी के सामने बैठाया- राहुल
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुझे 55 घंटे ईडी के सामने बैठाया, आप 55 घंटे करो या 500 घंटे, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, आज देश को बचाने का काम हर हिंदुस्तानी को करना होगा, अगर आज हम खड़े नहीं हुए तो फिर ये देश नहीं बचेगा, नरेंद्र मोदी जी की विचाधारा कहती है कि देश को बांटना है और फायदा चुने हुए कुछ लोगों को देना है, जबकि हमारी विचार धारा कहती है कि देश के किसान, युवा और हर गरीब को फायदा हो।
सच्चाई बताने के लिए भारत जोड़ो यात्रा- राहुल23 करोड़ लोगों को गरीबी में डाला- राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि कृषि से संबंधित 3 काले कानून उद्योगपतियों के लिए बनाए गए थे, लेकिन किसान की एकजुटता और ताकत ने इन कानूनों को वापस लेने पर सरकार को मजबूर कर दिया, जीएसटी ने छोटे कारोबारियों को खत्म कर दिया है। राहुल गांधी ने दावा किया कि यूपीए सरकार के दौरान 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला गया, हमने ये सब भोजन का अधिकार, नरेगा, कर्जा माफी की योजनाओं के जरिए ये संभव कर दिखाया था, लेकिन मोदी सरकार ने वापस 23 करोड़ लोगों को गरीबी में डाल दिया।